बीमारी के कारण नौकरी से निकाले जाने पर कर्मचारी को मिलेगा मुआवजा

बीमारी के कारण नौकरी से निकाले जाने पर कर्मचारी को मिलेगा मुआवजा

सेहतराग टीम

यदि आने वाले समय में कोई कंपनी अपने किसी कर्मचारी को बीमारी के कारण नौकरी से निकलेगी तो उसे मुआवजा देना होगा। हालांकि अभी यह प्रावधान मौजूदा इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड बिल में नहीं है। सरकार ने इस प्रावधान को बिल में जोड़ने के लिए नया प्रस्ताव तैयार किया है।

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केंद्र की एनडीए सरकार ने ट्रेड यूनियन एक्ट 1926, द इंडस्ट्रियल एंप्लॉयमेंट (स्टैंडिंग ऑर्डर) एक्ट 1946 और द इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट एक्ट 1947 को मिलाकर इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड बिल 2019 तैयार किया है। संसद में इस बिल को दिसंबर में पेश किया गया था, जिसे बाद में श्रम पर बनी संसद की स्टैंडिंग कमेटी को भेजा जा चुका है जो इसका अध्य्यन कर रही है। वहीं स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार बिल में नया प्रावधान जोड़ने के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है।

इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट्स एक्ट 1947 के अनुसार, यदि कोई कंपनी किसी कर्मचारी को नौकरी से निकलती थी तो उसे कर्मचारी को मुआवजा देना होता था। यही मुआवजा अनुशासन या खराब स्वास्थ्य के आधार पर की जाने वाली छंटनी पर भी लागू होता था। लेकिन ज्यादातर कंपनियां खराब स्वास्थ्य के आधार पर मुआवजा नहीं दे रही थीं। हालांकि, दिसंबर में लोकसभा में पेश किए गए बिल में भी मुआवजा देने का प्रावधान नहीं था। नए प्रावधान का लाभ स्थायी और ठेका दोनों प्रकार के कर्मचारियों को मिलेगा।

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े मजदूर संघठन भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के जनरल सेक्रेटरी व्रिजेश उपाध्याय का कहना है कि बीमारी किसी भी कर्मचारी के कंट्रोल से बाहर है। कई मामले ऐसे सामने आते हैं जिनमें कंपनियां बीमारी के आधार पर कर्मचारियों को नौकरी से बाहर निकाल देती हैं। कुछ मामलों में कर्मचारी मुकदमा कर देते हैं, लेकिन अधिकांश मामलों में कर्मचारी अपनी शिकायत उचित फोरम के सामने नहीं रख पाते। कर्मचारियों के हित में यह एक सराहनीय कदम है।

 

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